Breaking
June 17, 2024

देहरादून: उत्तराखंड में हमेशा से ही नौकरशाही के नेताओं पर हावी होने के मामले सामने आते रहे हैं। अक्सर ये मामला चर्चाओं में भी रहता है। विपक्षप भी हमेशा से यह आरोप लगाता रहा है कि अधिकारी सरकार की नहीं सुनते हैं। बल्कि, अपनी मनमानी करते हैं। कई बार यह आरोप और चर्चाएं सही साबित भी होती रही हैं। इस मामले में मंत्री के निजी सचिव ने अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर डाली।

ऐसा ही एक मामला इन दिनों चर्चाओं में हैं। आलम यह है कि अधिकारियों को मंत्रियों और सरकार का कोई डर नहीं है। कारनामा कोई छोटा नहीं, बल्कि बहुत बड़ा कर डाला। अधिकारियों ने प्रमोशन के लिए खुद ही अपने साइन कर दिए। मंत्री को इस बात की भनक कई दिनों बाद लगी। जब इस कारनामें को अंजाम दिया जा रहा था। तब मंत्री जी विदेश में थे।

 

लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज के फर्जी डिजीटल हस्ताक्षर कर मंत्री के निजी सचिव ने ही अयाज अहमद को विभागाध्यक्ष बनाने का अनुमोदन कर दिया। मंत्री के लोक संपर्क अधिकारी कृष्ण मोहन की तहरीर पर डालनवाला कोतवाली में मंत्री के निजी सचिव आइपी सिंह और लोनिवि के विभागाध्यक्ष अयाज अहमद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दी तहरीर में पीआरओ ने बताया कि मई महीने में अयाज अहमद को विभागाध्यक्ष बनाने की फाइल मंत्रालय में आई। मंत्री सतपाल महाराज की ओर से आवेदन स्वीकृति होने की स्थिति में फाइल को अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री को भेजी जानी थी।

इसी दौरान मंत्री विदेश दौरे पर चले गए, जिस कारण अयाज अहमद का आवेदन लंबित रखा गया। कैबिनेट मंत्री के निजी सचिव आइपी सिंह 15 मई 2022 को बिना अनुमति मंत्री के सरकारी आवास पर पहुंचे और आदेश पर फर्जी डिजिटल सिग्नेचर कर दिए।

आरोपी ने फाइल मुख्यमंत्री के बजाय पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख सचिव को भेज दी। पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष अयाज अहमद का विभागाध्यक्ष के पद के लिए आइपी सिंह ने ही अनुमोदन कर दिया। लंबी जांच के बाद डालनवाला कोतवाली में दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। विभागाध्यक्ष अयाज अहम के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई है।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *