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March 29, 2024

उत्तराखंड: मदन कौशिक क्या हटे, इनकी कुर्सी पर मंडराने लगा खतरा…?
  • मदन कौशिक को लेकर चल रही चर्चाएं.

  • मदन मंत्री बनेगे या केंद्र में जायेंगे.





                           
                       

देहरादून: भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को क्या हटाया, उत्तराखंड में सियासी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया। कौशिक के राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जाने लगीं। मदन कौशिक भाजपा के दिग्गज नेताओं में गिने जाते हैं। ऐसे में उनको लेकर राजनीति चर्चा होना स्वभाविक भी है। इन चर्चाओं और अटकलों के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि मदन कौशिक का क्या होगा? उनको कौन सी जिम्मेदारी दी जाएगी ै? क्या कैबिनेट मंत्री बनाए जाएंगे? या फिर केंद्र में कहीं एडजस्ट किए जाएंगे?

ये सवाल तो तैर रहे हैं। लेकिन, इनका अब तक किसी के पास कोई पुख्ता जवाब नहीं है, जब तक तय नहीं हो जाता कि मदन कौशिक को यह जिम्मेदारी दे दी गई है। पहली बार में जिन बातों पर सबसे ज्यादा चर्चा सोशल मीडिया में रही है, वह यह है कि उनको कैबिनेट में फिर से शामिल किया जा सकता है। लेकिन, फिर इस पर कुछ सवाल भी उठने लगे कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है। भाजपा किसी युवा को मौका दे सकती है। हालांकि, मदन कौशिक के कैबिनेट में शामिल होने की बातों को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है।

दूसरी बात यह है कि मदन कौशिक हरिद्वार से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। एक वक्त उनका टिकट लगभग तय भी माना जा रहा था, लेकिन ऐन वक्त पर डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने बाजी मार ली। हरिद्वार से सांसद भी बने और केंद्र में मंत्री भी। हालांकि, उनकी कुर्सी ज्यादा समय तक नहीं चली। निशंक एक तरह से केंद्र की राजनीति से पिछले कुछ समय से गायब से हो गए हैं। विधानसभा चुनाव में जरूर सक्रिय नजर आए, लेकिन सरकार बनने के बाद फिर से पर्दे से ओझल हो गए।

मदन कौशिक को अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद अब जो चर्चाएं सामने आ रही हैं, उनका सीधा नुकसान भी निशंक को ही होता नजर आ रहा है। मदन कौशिक को जहां कुछ लोग कैबिनेट मंत्री बनाए जाने की अटकलें लगा रहे हैं। वहीं, यह बात भी मजबूती से कही जा रही है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मदन कौशिक हरिद्वार से भाजपा का चेहरा हो सकते हैं। ऐसे में मौजूदा सांसद निशंक का पत्ता कट जाएगा।

लेकिन, मदन कौशिक के सांसद बनने से हरिद्वार में विधानसभा की खाली सीट के लिए उपचुनाव की नौबत आएगी। भाजपा अगर कौशिक को संसद भेजने के विकल्प पर काम कर रही होगी, तो जाहिर है, उप चुनाव और हरिद्वार में मदन कौशिक का उत्तराधिकारी कौन होगा, इस बात पर भी मंथन कर रही होगी। बहरहाल, यह केवल चर्चाएं हैं।

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