उत्तराखंड : अब गेहूं-चावल के साथ मंडुवा भी मिलेगा, ये है सरकार का प्लान

उत्तराखंड : अब गेहूं-चावल के साथ मंडुवा भी मिलेगा, ये है सरकार का प्लान

देहरादून: राशन की दुकान पर अब तक गेहूं और चावल के साथ दालें भी मिल रही थी। स्थानीय उत्पादों को अब तक सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों में जगह नहीं दी गई थी। लेकिन, अब सरकार ने इस ओर ध्यान देना शुरू कर दिया है। इसके लिए प्लान तैयार किया जा रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों में अब गरीबों को हर माह मिलने वाले राशन में अब एक किलो मंडुवा भी दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार अब तक गरीबों को हर माह पांच किलो गेहूं मिलता है। मंडुवे को इसमें शामिल करने के बाद अब एक किलो मंडुआ और चार किलो गेहूं दिया जाएगा।

मिड डे मील और आंगनबाड़ी केंद्रों में दिए जाने वाले पौष्टिक आहार में भी मोटे अनाज शामिल किए जाएंगे, ताकि खपत बढ़ सके। कैबिनेट मंत्री जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2023 को मिलेट इयर घोषित किया है। मिलेट्स यानी मोटे अनाज की आज मांग अधिक है।

इस कड़ी में मंडुवा, रामदाना, झंगोरा जैसे मोटे अनाज पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज के उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऐसे में खपत पर भी विशेष जोर है, क्योंकि किसान खपत के अनुसार ही पैदावार करता है।

उत्तराखंड: साइबर ठगों का नया जाल…कहीं आप ना फंस जाएं 

मोटे अनाज के किसानों को उचित दाम मिल सकें, इसके लिए मंडी समिति से बातचीत की गई है। मंडी समितियां मोबाइल वैन से सीधे किसानों के खेत में जाकर मंडुवा समेत अन्य मोटे अनाज खरीदें, इसकी व्यवस्था की जा रही है।

इससे किसान बिचौलियों के चंगुल में आने से बचेंगे और उन्हें अच्छी आमदनी होगी। साथ ही इस पहल से किसान अधिक पैदावार के लिए प्रोत्साहित होंगे। मंत्री जोशी के अनुसार मोटे अनाज का अधिक प्रचार-प्रसार करने के साथ ही गुणवत्ता पर विशेष जोर दिया गया है।

Avatar

ताज़ा कवरेज (Taza Coverage)

ये भी पढ़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *