Breaking
April 20, 2024

उत्तराखंड: पहली एंबुलेंस खराब, दूसरी ने आने में लगे तीन घंटे, दर्द से कराहती रही प्रसव पीड़िता





                           
                       

देहरादून: स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। कहीं डॉक्टर प्रवस पीड़िता को यह कहकर रेफर कर देते हैं कि बच्चे के पैर बाहर निकल आए थे, तो कहीं एंबुलेंस ही खराब हो जाती है। इतना ही नहीं। जब दूसरी एंबुलेंस बुलाई गई तो उसने आने में तीन घंटे लगा दिए। इस दौरान महिला प्रसव पीड़ा से कराहती रही।

ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जौनसार-बावर के सीमांत इलाकों में स्वास्थ्य सेवा की बदहाली से लोग परेशान हैं। चकराता से जुड़े गहरी गांव से महिला को प्रसव के लिए अस्पताल लेकर निकली एंबुलेंस खराब हो गई। दूसरी के इंतजार में प्रसव पीड़िता को तीन घंटे इंतजार करना पड़ा।

कुछ दिन पहले अल्मोड़ा में एक मामला ऐसा आया था, जहां एमबीबीएस की डिग्री और ट्रेनिंग लेने वाले डॉक्टरों ने महिला को रेफर कर दिया। उनको कहा गया कि बच्चे की धड़कनें बंद हो चुकी हैं और एक पैर बाहर आ चुका है। लेकिन, उसी महिला का एक फार्मासिस्ट ने सफल और सुरक्षित डिलीवरी करा दी वो भी एकदम नॉर्मल।

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य सेवाएं किस तरह पहाड़ में दम तोड़ रही हैं। स्वास्थ्य मंत्री दावे तो कर रहे हैं, लेकिन उनके दावों को अधिकारी धरातल पर उतारते नजर नहीं आ रहे है। यह हाल तब है, जब स्वास्थ्य मंत्री लगातार अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं और उनको संवेदनशीलता के साथ काम करने के निर्देश दे रहे हैं।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *