Breaking
March 29, 2024

देहरादून: भूकंप अलर्ट एप ठीक उसी तरह है, जिस तरह कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत बादलों को इधर-उधर खिसकाने वाला बयान था। इस एप को बड़े जोर-शोर से लॉन्च किया गया था। लेकिन, भूकंप के अलर्ट तो दूर की बात इस एप में भूकंप आने की जानकारी भी कई घंटों बाद अपडेट की जा रही है। ऐसे में जो लोग इस एप के भरोसे थे। वो इसका भरोसा छोड़कर किसी अन्य माध्यम पर ध्यान दें और खुद को सुरक्षित रखें।

एप लॉन्च करने के दौरान यह दावा किया गया था कि भूकंप आने के साथ ही इस में अलर्ट आ जाएगा। इसका अलार्म बज उठेगा, लेकिन अलार्म बजना तो दूर भूकंप आने के कई घंटों के बाद इसमें जानकारी अपडेट होती है। जबकि नेशनल सिसमोलॉजी विभाग के भूकंप एप में भूकंप के झटक आते ही खुद ही अपडे आ जाती है।

उत्तराखंड ब्रेकिंग: एक ही दिन में दो बार भूकंप से डोली धरती, अभी-अभी महसूस हुए झटके!  

अधिकारियों का कहना है कि 5.5 से अधिक परिमाण का भूकंप आने पर ही अलार्म बजता है, लेकिन नौ नवंबर को उत्तराखंड की सीमा से सटे नेपाल में 6.3 परिमाण का भूकंप आने पर अलार्म नहीं बजा था। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक इस भूकंप का केंद्र राज्य के नेटवर्क से दूर था। ऐसे में प्राइमरी तरंगों को राज्य में लगे सेंसर रीड करते हैं और ये 5.5 से कम की तीव्रता की थीं। इसी कारण अलार्म नहीं बजा।

अधिकारियों के इस तरह के तर्क समझ नहीं आ रहे हैं। सवाल यह है कि नेपाल भारत की सीमा से सटा हुआ है। वहां आने वाले भूकंप के झटकों से उत्तराखंड तक असर होता है। फिर नेटवर्क से कैसे दूर हो गया। कल आए भूकंप का केंद्र भी पिथौरागढ़ के आसपास ही था।

उत्तराखंड: भूकंप के झटकों से फिर डोली धरती, इतनी थी तीव्रता

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने पिछले वर्ष आइआइटी रुड़की के सहयोग से उत्तराखंड भूकंप अलर्ट एप विकसित किया। कहीं भी भूकंप आने पर उसकी परिधि में आने वाले क्षेत्र में यह एप अलर्ट का अलार्म बजाता है, ताकि लोग सतर्क होकर अपना बचाव कर सकें।

गत वर्ष अगस्त में इस एप को लांच किया गया था। इसके पश्चात राज्यवासियों से अपील की गई कि वे इस एप को अपने मोबाइल में अपलोड करें, ताकि उन्हें अलर्ट मिल सकें। यही नहीं, एप में भूकंप से बचाव आदि की जानकारियां भी दी गई हैं।

उत्तराखंड: अंकिता मर्डर केस की जांच में झोल, SIT पर सवाल, होगी CBI जांच?

लोगों ने इस एप को बड़ी संख्या में डाउनलोड किया है। लेकिन, यह केवल शो-पीस बनकर रह गया है। ये बात अलग है कि गाहे-बगाहे भूकंप को लेकर माक ड्रिल के दौरान इस एप के जरिये अलर्ट बजता है, लेकिन जरूरत के वक्त यह सेवा ठप हो जाती है।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *