Breaking
March 29, 2024

उत्तराखंड: पहाड़ों पर कंधे बने एंबुलेंस, सरकार के हवाई दावों की खुली पोल
  • एंबुलेंस बनी डंडी/कंडी और लोगों के कंधे हकीकत बयां कर रहे हैं।

  • अस्पताल तक पहुंचाने के लिए ग्रामीणों ने डंडी का सहारा लेना पड़ा।





                           
                       

चमोली: वैसे तो पहाड़ी क्षेत्रों में हमेशा ही स्थितियां विकट होती हैं, लेकिन बरसात शुरू होने के बाद लोगों की परेशानियां बढ़ जाती है। दूसरी परेशानियां तो पहाड़ के मेहनती लोगों के सामने टिक नहीं पाती हैं, लेकिन जब बात स्वास्थ्य की आती तो लोगों के सामने हर वक्त जान जाने का खतरा बना रहता है। स्वास्थ्य सेवा की बदहाली और सरकारी दावों की हकीकत मरीजों के लिए एंबुलेंस बनी डंडी/कंडी और लोगों के कंधे हकीकत बयां कर रहे हैं।

चमोली के देशोली ब्लॉक के दूसरस्थ इराणी गांव की बीमार महिला को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए ग्रामीणों ने डंडी का सहारा लेना पड़ा। गांव की बिमला देवी बीमार हो गई थी। हालत ज्यादा बिगड़ने पर ग्रामीण उनको डंडी-कंडी के सहारे पांव किलोमीटर पैदल चलकर गोपेश्वर अस्पताल पहुंचाया।

ईराणी गांव के लोगों का कहना है कि इन दिनों सड़क और गांव के सारे रास्ते बंद हो गई हैं। ऐसे में बीमार महिला बिमला देवी को अतिरिक्त पांच किलोमीटर पैदल चलकर डंडी-कंडी से जिला अस्पताल पहुंचाया गया। ग्रामीणों का कहना है कि बिरही निजमुला मोटर मार्ग भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त होने के चलते ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

मरीजों को कंधों पर ढोने की तस्वीरें आए दिन पहाड़ों से सामने आती रहती हैं। लगातार इस तरह के मामले सामने आने से स्वास्थ्य विभाग के उन दावों की भी पोल खुलती है, जिनमें यह कहा जाता है कि डंडी/कंडी 108 भी लोगों को अस्पताल पहुंचाने का काम करेगी, लेकिन यह सारे हवाई दावे हैं।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *