उत्तराखंड: बदहाल झूला पुल से गिरकर व्यक्ति की मौत, तीन-तीन CM कर चुके हवाई घोषणा

उत्तराखंड: बदहाल झूला पुल से गिरकर व्यक्ति की मौत, तीन-तीन CM कर चुके हवाई घोषणा

पौड़ी: मोरबी की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। उसका असर उत्तराखंड में देखने को मिल रहा है। कुमाऊं कमीश्नर ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को झूला पुलों की स्थिति का आंकलन करने के निर्देश दिए। इधर, गढ़वाल में भी कुछ अधिकारियों ने सक्रियता दिखाई। लेकिन, वो सक्रिता ग्राउंड पर नजर नहीं आई। मोरबी की घटना के बीच पौड़ी जिले के समपुली में क्षतिग्रस्त पुराने झूला पुल से गिर कर एक व्यक्ति की मौत हो गई।

/

ग्रामसभा बड़खोलू को सतपुली बाजार से जोड़ने वाले बड़खोलू झूला पुल से ग्रामीण सतीश चंद्र अचानक नदी में गिर गए, जिससे उनकी मौत हो गई। इस पुल की मरम्मत पिछले 12 सालों से नहीं हुई है। जबकि, तीन-तीन मुख्यमंत्री यहां पुल निर्माण की घोषणा भी कर चुके हैं। यह पुल पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के गांव के आसपास ही पड़ता है।

क्षतिग्रस्त होने के चलते यह पुल आवाजाही के लिए खतरनाक बना हुआ है। ग्रामीण की मौत के लिए सरकारी तंत्र को कटघरे में खड़ा करना पूरी तरह जायज होगा। दरअसल, पिछले 12 सालों से यह झूला पुल क्षतिग्रस्त है। शासन-प्रशासन न तो पुल की मरम्मत कर रहा है और न ही नया पुल बनाने की जहमत उठा रहा है।

उत्तराखंड : देवभूमि की बेटी ने जो ठाना, हासिल कर दिखाया, सेना में बनी लेफ्टिनेंट

1987 में ग्रामसभा बड़खोलू सहित तीन अन्य ग्रामसभाओं को सतपुली बाजार से जोड़ने के लिए नयार नदी में झूला पुल का निर्माण किया गया। उस दौर में करीब चार हजार से अधिक की आबादी इसी झूलापुल से सतपुली आती जाती थी। समय बीता और गांव पलायन की भेंट चढ़ते चले गए। वर्तमान में यह झूला पुल करीब दो हजार की आबादी को सतपुली कस्बे से जोड़ता है।

प्रतिदिन इन ग्राम सभाओं से स्कूली बच्चे इस पुल को पार कर सतपुली पहुंचते हैं। ग्रामीण भी रोजमर्रा के सामान की खरीददारी को सतपुली आते हैं। 18 सितंबर 2010 में पूर्वी व पश्चिमी नयार नदी में आई बाढ़ के कारण यह झूलापुल क्षतिग्रस्त हो गया। आज भी ग्रामीण जान जोखिम में डाल इस पुल से आवाजाही कर रहे हैं। लेकिन, आज तक तंत्र ने इस पुल की सुध नहीं ली है।

उत्तराखंड: मुकदमो ने अटकाए साढ़े 4 हजार प्रमोशन, शिक्षा विभाग की पोल खोलती रिपोर्ट…

नयार नदी के इस झूला पुल के क्षतिग्रस्त होने से लेकर अब तक कई बार इसके निर्माण की घोषणा हो चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी ने अपने कार्यकाल में इस स्थान पर मोटरपुल सहित बड़खोलू से कांडा तक 12 किमी सड़क का शासनादेश भी जारी किया था, लेकिन इसके बाद सत्ता परिवर्तन हुआ व राज्य में कांग्रेस की सरकार आ गई।

पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी अपने कार्यकाल में इस पुल की घोषणा दोहराते हुए शीघ्र निर्माण का वादा किया, लेकिन पुल नहीं बन सका। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी पुल निर्माण की सार्वजनिक घोषणा कर दी। लेकिन पुल आज भी नहीं बन पाया है।

Avatar

ताज़ा कवरेज (Taza Coverage)

ये भी पढ़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *